तड़पाती हो, तरसाती हो,
मगर
यादों से नहीं जाती हो,
एक अधुरा ख़ाब हो,
बस
हक़ीक़त नहीं बन पाती हो...
तो कभी
दिल में दस्तक देती हो,
और फिर
दूर... कहीं धुएं में
ना जाने
कहाँ खो जाती हो...
#26032005
मगर
यादों से नहीं जाती हो,
एक अधुरा ख़ाब हो,
बस
हक़ीक़त नहीं बन पाती हो...
वक़्त बीताकभी पलकों पर,
एहसास हुआ हमें जुदाई का,
बरसों पुरानी मय की तरह
आँखों में
अब भी उतर जाती हो...
तो कभी
दिल में दस्तक देती हो,
और फिर
दूर... कहीं धुएं में
ना जाने
कहाँ खो जाती हो...
जो तन्हा पाते हैं
खुद को,
तुम हमें याद आती हो,
जो तन्हा खुद को पाती हो,
हमें क्यूँ भूल जाती हो....
#26032005
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