Thursday, October 3, 2013

तुम, जिन्दगी और मौसम - U, Life & Season

कभी पत्तों की आहट से
मुझे लगता है आए हो,
मेरी इस जिंदगी में तुम
दोबारा फिर से आए हो...
कि पतझड बीत चुका है
सावन की पहली बारिश से,
यादें अपनी लेकर तुम
सावन में फिर से आए हो...
क्या कोई ख्वाब लाए हो?
मेरी इस जिंदगी में तुम,
या अपनी क़ुरबतों के साथ
खाली हाथ आए हो.....


क़ुरबतों=नजदीकीयों [नजदीक, करीब]

#031020130720

Chetan Jaura

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