Tuesday, September 17, 2013

दुनिया v/s दिल

हर तरफ इक शोर सा है,
हर तरफ सब मस्त हैं,
दिल मेरा बेचैन है क्यूं,
किसी ने भी पुछा न्हीं...

कौन सुनता है किसी की,
सब यहां पे मतलबी,
सबने अपने दिल की कह दी,
मेरे दिल की सुनते नहीं...

दौलत ही सब कुछ है यहां पर,
शौहरत ही सब कुछ तो है
दुनिया के झूठे जामे को,
दिल क्यूं सच, कहता नहीं...

छोड दूं...
अब छोडकर
कहीं दूर चला जाऊं मगर,
हाथ थामे जो मेरा
अपना कोई, मिलता नहीं...

दर्द है दिल में मेरे
तन्हाई भी इस दिल में है,
इतना कुछ अब देखकर भी
क्यूं तूं कुछ कहता नहीं...

"दुनिया v/s दिल"


#080920130830


जामे=पहरावे, शान-ओ-शौक़त

- Chetan Jaura

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