Tuesday, September 17, 2013

दुनिया v/s इंसां

ये पत्थर की दुनिया, ये पत्थर के इंसां,
यहां सांस लेनी भी मुश्किल बडी है,
है चारों तरफ दीवारें खडी सी,
ये दुनिया भी है हीरे मोती जडी सी...

यहां रेत के ऎसे पूतले भी देखे,
जो करते हैं दौलत शौहरत की बातें,
यहां रिश्ते नातों की कीमत नहीं है,
ये दुनिया तो है हीरे मोती जडी सी...

है कैसी बदहवासी, है कैसा जुनूं ये,
कि इंसां तो पल -पल वक़्त के पीछे भागे,
यहां चाहतों की, कोई कीमत नहीं है,
ये दुनिया है कैसी हीरे मोती जडी सी...



" दुनिया v/s इंसां "

#300820130710

-Chetan Jaura

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